||15 हजार की स्कूटी पर 23 हजार का चालान||
यातायात के कड़े नियम दो दिन चलते हैं, फिर धड़ाम। ऐसा एक बार नहीं हुआ कई बार हो चुका है। ऐसा होता कब है जब ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले रसूखदार के परिवार या रिश्ते-नाते से होते है। कानून को क्रियान्वयन करने वाले को कानून बनाने वाला ही क्रियान्वयन नहीं करने देता है। प्रहसन्न यह है कि आखिर गलती कौन कर रहा है। यह सवाल आज भी जिन्दा है।
नए मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने से टंैफिक पुलिस लगातार भारी भरकम चालान काट रही है। कई बार पुलिस वाहन की कीमत से ज्यादा का चालान भी थमा रही है। ऐसा ही एक मामला एक स्कूटी का सामने आया है, जिसका 23 हजार रुपये का चालान काटा गया, जबकि स्कूटी की कीमत 15 हजार रुपये बताई जा रही है। इसके अलावा एक टंैक्टर का 59 हजार रुपये का चालान काटा गया और एक आटो वाले पर 32 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। जिसे लेकर उत्तराखंड समेत देशभर में सरकार के प्रति गुस्सा है। टंैªफिक पुलिस ही नहीं बल्कि रेगुलर पुलिस भी इस नये टंैफिक नियम की आड़ में बहती भ्रष्टाचार की गंगा में हाथ धो रही है। लोग भारी भरकम जुर्माने की रकम से बचने के लिए खाकी व काली वर्दीधारियों की जेब गर्म कर अपना पिंड छुड़ा रहे है।
बता दें कि ट्रैफिक के नये नियम कड़े है मगर सुरक्षा की दृष्टी से बड़े ही अच्छे हैं। नये नियम तोड़ने की सजा में बिना लाइसेंस वाहन चलाना 1,000 से 5,000 रू॰, सीट बेल्ट न लगाना 100 से 1,000, बिना इंश्योरेंस 1,000 से 2,000 मोबाइल पर बात करने पर 1,000 से 5,000 रू॰, नशे में डंाईविंग करने पर 500 से 10,000 रू॰ व छह माह की जेल भी हो सकती है। इसके अलाव गलती दोहराने पर 15,000 रू॰ या दो साल की जेल। इसी प्रकार दुपहिया को नाबालिग डंाईविंग करने पर 500 से 10,000 रू॰, ओवरलोडिंग पर 100 से 2,000 रू॰ और तीन साल के लिए लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। नए एक्ट मुताबिक बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चलाते पकड़ने पर जुर्माना राशि 100 रुपए से बढ़ाकर एक हजार रुपए कर दिया है। खतरनाक तरीके से वाहन चलाते पकड़ने पर एक हजार की जगह पांच हजार जुर्माना भरना पड़ेगा।
उल्लेखनीय यह कि ट्रैफिक पुलिस नियमों का उल्लंघन करने पर ताबड़तोड़ चालान काट रही है।
एक सितंबर से अब तक राजधानी देहरादून में पुलिस ने 3000 से भी अधिक के वाहनो के चालान काटे। सनद रहे कि आप चालान से बचना चाहते हैं, तो गाड़ी के सभी दस्तावेज साथ रखें। वरना आपके भी वाहन का चालान कट सकता है। इसके अलावा आपकी गाड़ी भी सीज हो सकती है। इसके बाद आपको अपने वाहन को छुड़ाने के लिए और जुर्माना भरने के लिए कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ेंगे।
मोटर व्हीकल एक्ट 2019 की धारा 158 के मुताबिक वाहन चालक को टंैपिफक पुलिस या संबंधित अधिकारी द्वारा मांगे जाने पर गाड़ी का रजिस्टंेशन सर्टिपिफकेट ;आरसी, इंश्योरेंस सर्टिपिफकेट, पाॅल्यूशन अंडर कंटंोल सर्टिपिफकेट और डंाइविंग लाइसेंस दिखाना जरूरी है। यदि टंांसपोर्ट वाहन है, यानी वाहन का काॅमर्शियल पर्पज के लिए इस्तेमाल हो रहा है, तो फिटनेस सर्टिपिफकेट के साथ परमिट सर्टिपिफकेट भी चालक को दिखाना होगा। वाहन बाबत सभी दस्तावेज ओरिजनल साथ होने चाहिए। इसका मतलब यह हुआ कि चालक अब दस्तावेज की फोटो कापी दिखाकर चालान या जुर्माने से बच नहीं सकते हैं। ऐसा भी हो सकता है कि चालक के पास ओरिजनल दस्तावेज नहीं मिलते हैं, तो भी टंैªफिक पुलिस चालान काट सकती है और गाड़ी को सीज भी कर सकती है। इसके बाद चालक को कोर्ट जाकर चालान भुगतना पड़ेगा। तत्पश्चात गाड़ी को छुड़ाया जा सकेगा।
बता दें कि वाहन चालक रजिस्टंेशन सर्टिफिकेट ;आरसी, इंश्योरेंस सर्टिफिकेट, पाल्यूशन अंडर कंटंªोल सर्टिफिकेट, डंाइविंग लाइसेंस और फिटनेस सर्टिपिफकेट की हार्ड कापी अपने पास नहीं रख पाते हैं, तो वे डिजीलाॅकर ;क्पहपस्वबामतद्ध का इस्तेमाल कर सकते हैं। डिजिलाॅकर में रखे दस्तावेजों को भी ओरिजनल हार्ड काॅपी की तरह ही माना जाता है। नवंबर 2018 में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी करके डिजिलाॅकर को कानूनी मान्यता प्रदान की थी। कोई टंैªफिक पुलिसकर्मी डिजिलाॅकर को मानने से इनकार नहीं कर सकता है।